रोने से ग़म-ए दिल का गुज़र नही होता, हर शक्स दिल का सहारा नही होता ।
उस रोज़ लगता है बेकार जिये हम, जिस रोज़ ज़िक्र तुम्हारा नही होता ॥
भूल से अगर कोई भूल हुई हो तो उसे भूल समझ के भूल जाना ।
अरे भूलना सिर्फ भूल को, भूल के भी हमे ना भूल जाना ॥
मुश्किलों से आपकी मुलाकात न हो, उदास बैठो कभी ऐसी कोई बात ना हो ।
दुआ है कि महफ़िलों से सजे ज़िन्दगी आपकी, बस हमें पुकार लेना अगर कोई साथ ना हो ॥
नमश्कार एडमिन जी!
मैं पिछले 15 मिनट्स से आपकी वेबसाइट blog. netgautam. com पर प्रकाशित विभिन्न कृतियाँ पढ़ रही हूँ एवं मुझे आपकी लिखी इस शायरी ने काफ़ी प्रभावित किया है| आप बस ऐसे ही लिखते रहे और हम यहाँ बार-बार आते रहेंगें|
धन्यवाद!
ज़ैनब हैदरी
शुक्रिया ज़ैनब जी